मृत्यु से 9 महीने पहले दिखते है ये 7 संकेत | 7 signs before death



श्रीमद् भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते है ।

नैनम छिनदंतीनैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।

न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।2.23।।
 
इस श्लोक का अर्थ बताते हुए भगवान कृष्ण अर्जुन से कहते है 
इस आत्मा को शस्त्र काट नही सकते है ।

और अग्नि इसे जला नही सकती है जल इसे गीला नही कर सकता है । और वायु इसे सुखा नही सकती है। 

अर्ताथ मनुष्य के मन में स्थित आत्मा अमर है । जिसे कोई नही मार सकता । 

लेकिन मानव शरीर अमर नही है वह नश्वर है।  मनुष्य की मृत्यु एक  न एक दिन निश्चित है फिर चाहे वह भगवान राम अवतार हो या चाहे श्रीकृष्ण अवतार ही क्यों न हो ।

लेकिन यहाँ भगवान की मृत्यु नही होती है बल्कि वो मानव रूपी शरीर का त्याग कर अपने धाम चले जाते है। 

मृत्यु का डर शायद इस ब्रह्माण्ड सबसे बड़ा डर है। क्योंकि हर किसी को यह भय सताता है ।

कि आज नही तो कल उसे माया के इस बंधन को तोड़ना ही पड़ेगा । वह समय कब और कैसे आएगा 
यह कोई नही जानता ।

लेकिन जिस छड़ मनुष्य इस भौतिक जगत में जन्म लेता है उसी समय उसकी मृत्यु का समय  तारिक और कारण सब तय निश्चित हो जाते है ।

आप कह सकते है कि जन्म से ही मृत्यु की उलटी गिनती शुरू हो जाति है । मृत्यु एक ऐसा विषय हैं जो मानव मन के लिए हमेशा से ही जिज्ञासा का केंद्र रहा यानि कि इस विषय के बारे में जानने के लिए हर इंसान उत्सुक रहता है। 

मृत्यु से पहले का आभास, मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा, पुनर्जन्म का सच, और पुनर्जन्म कुछ ऐसे प्रश्न है जो हर किसी को परेशान करते है। 

लेकिन यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि हमारे प्राचीन ग्रंथो में मृत्यु से जुड़े हर रहस्य का खुलासा किया गया है। 

अट्ठाहारा महापुराणों में से एक गरुण पुराण में जीवन से लेकर मृत्यु तक और उसके आगे आत्मा की यात्रा के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। 

गरुण पुराण में भगवान विष्णु ने पक्षी राज गरुण को मृत्यु के बाद आत्मा के साथ होने वाले घटनाओं के बारे में बताया है। 

इसमें नर्क लोक, नरकलोक की यातनाएं, स्वर्ग लोक, और स्वर्ग लोक के बाद पुनर्जन्म इन सभी विषयों के बारे में भी बताया है ।

वे कहते है कि प्रथ्वी लोक पर जन्म लेने वाला प्रत्येक प्राणी जीवन और मृत्यु के चक्र में फसा हुआ है। 

जैसे जन्म सत्य है ठीक उसी प्रकार मृत्यु भी एक शाश्वत सत्य है जिसे कोई भी अस्वीकार नहीं कर सकता । 

इसीलिए मृत्यु पर विजय पाना असम्भव है ईश्वर की इच्छा के बिना कोई भी इंसान अपनी उम्र से ज्यादा एक पल भी जीवित नहीं रह सकता। 

और यह सच हर व्यक्ति जानता है लेकिन फिर भी इंसान मौत से डरता रहता है । 

भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि आत्मा शरीर बदल लेती है वो कभी भी पुराने शरीर में प्रवेश नही करती ।

और ऐसे ही एक सवाल और उठता है कि क्या किसी को मृत्यु से पहले आभास हो सकता है ।

गरुण पुराण में कुछ ऐसे संकेतो के बारे में बताया गया है । जिसे अगर हम जान ले तो पहले ही जान सकते है कि हमारी मृत्यु का समय निकट आ गया है। 

आज हम आपको कुछ ऐसे संकेतो के बारे में बताएंगे जो भगवान विष्णु ने गरुण जी को मृत्यु से पहले मिलने वाले संकेतो के बारे में बताया है ।

व्यक्ति को यह संकेत 9 महीने पहले ही मिलने लगते है ।

अगर कोई अपनी मां के गर्भ में 10 कहीं तक रहता है तो उसे 10 महीने पहले ही मौत के संकेत मिलने लगते है। 

और अगर कोई अपनी मां के गर्भ में 7 महीने तक रहा है तो उसे 7 महीने पहले ही मौत के संकेत मिलने लग जाते है ।

यह संकेत किसी भी मनुष्य को उसकी मृत्यु से पहले मिलते है ।

पहला संकेत -
 कहते है कि परछाई इंसान का साथ कभी नही छोड़ती लेकिन गरुण पुराण के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु निकट आ जाती है। तो उसकी परछाई भी उसका साथ छोड़ देती है। 

ऐसे व्यक्ति तेल और पानी में अपना प्रतिबिंब नही देख पाता ।

यदि किसी व्यक्ति के साथ ऐसा होता है तो उसे समझ लेना चाहिए कि उसका अंतिम समय निकट है। 

दूसरा संकेत
   जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु नजदीक आती है तो उसे अपने आसपास अपने पूर्वज या पितृ नजर आने लगते है। 

वह उसके आसपास परछाई के रूप में घूमते है । ऐसा व्यक्ति की मृत्यु से 2 तीन महीने पहले महसूस होने लगता है। 

ऐसे व्यक्ति को अच्छी तरह से जान लेना चाहिए कि उसकी मृत्यु का समय निकट है। 

तीसरा संकेत
    जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु नजदीक आती है तो उसके शरीर से एक अजीब सी गंध आने लगती है । जो उसे बिलकुल भी अच्छी नहीं लगती और यह गंध केवल उसे ही महसूस होती है । तो उसे समझ जाना चाहिए कि उसका अंतिम समय निकट आ गया है। 

अब उसे केवल प्रभु की भक्ति में लगे रहना चाहिए ताकि उसकी यमलोक की यात्रा कष्ट दाई न हो ।

चौथा संकेत
      जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु नजदीक आती है तो वह अपना चेहरा शीशे में देखता तो उसे अपना चेहरा नहीं बल्कि किसी और का चेहरा शीशे में नजर आता है या कभी कभी उसे अपना विकृत चेहरा नजर आने लगता है। 
तो उसे समझ जाना चाहिए कि उसकी मृत्यु का समय निकट आ गया है ।

पांचवां संकेत
       जब किसी व्यक्ति की मृत्यु नजदीक आ जाती है तो उसका शरीर हल्का पीला या हल्का लाल दिखाई देने लगता है ।

उसे ऐसा महसूस होता है कि उसकी त्वचा अंदर से जल रही है यदि कोई पूरा जीवन केवल बुरे कर्म करता है तो उस पापी को पहले ही अहसास हो जाता है कि वह नर्क में जल रहा है ।

छठा संकेत
      जब मनुष्य की मृत्यु निकट आ जाती है तो उसे सूर्य और चंद्रमा की रोशनी दिखाई देना बंद हो जाति है व्यक्ति को लगता है की चांद बीच में से दो भागो में कटा हुआ है। 

जबकि असल में ऐसा कुछ नही होता है ।

सातवां संकेत
       जब किसी व्यक्ति की मृत्यु नजदीक आ जाती है तो उसकी जीभ थोड़ी सी ऐंठने लगती है उसकी नाक, आंख और मुंह थोड़े कठोर हो जाते है और उसमे से मवाद निकलने लगता है ।

और उससे निकलने वाली दुर्गंध से वह परेशान हो जाता है और मृत्यु की कामना करने लगता है 

जब किसी की भी मृत्यु नजदीक आ जाती है तो उसकी आंखे इतनी कमजोर हो जाति है कि वो अपने आस पास बैठे लोगो को भी नही देख पाता है ।

यानी कि उसकी आंखो की रोशनी कमजोर हो जाती है 

जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु नजदीक होती है तो उस व्यक्ति को अपने सभी अच्छे और बुरे कर्म याद आने लगते है। 

जब उसकी मृत्यु नजदीक आती है तो उसकी आंखो के सामने यमदूत दिखाई देते है ।

अगर आपको इन बातो की जानकारी पहले से ही थी तो हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

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